Friday, March 22, 2019




                   

                         पुलवामा शहीद का बेटा बनेगा फुटबॉल खिलाड़ी 




14 फरवरी यानि पूरा विश्व इस दिन को प्यार के दिन के रूप में मनाता है लेकिन पाकिस्तान के मसूद अजहर गैंग ने कायरों की तरह पुलवामा में आतंकवादी हमला कर हमारे 40 जवानों की हत्या की उसे देश कभी भूल नही सकता।

40 जवानों के परिवारों पर जो विपदा आयी उसकी भरपाई करना तो असम्भव है लेकिन जिस तरह से देश एकजुट हुआ और अपने अपने तरीके से इन परिवारों की सहायता कर रहा है वो काबिले तारीफ है।

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के गाँव विनायकपुरा इटावा के रहने वाले जवान शहीद राम वकील के परिवार को भी समझ ही नही आया कि 10 फरवरी को ही छुट्टी मनाकर गये तीन छोटे बच्चों के पिता के बिना उनके सपने कैसे पूरे होंगे।

राम वकील अपने बड़े बेटे अंकित को फुटबॉल खिलाड़ी और छोटे बेटे 10 वर्षीय अर्पित को सेना में भर्ती कराने का मंशा रखते थे।

ऐसे में स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई के शिक्षा प्रभारी राजीव यादव को जब अंकित को फुटबॉल खिलाड़ी बनने की बात पता चली तो उन्होंने राम वकील के परिवार से मुलाकात कर शहीद राम वकील की आखिरी मुराद को पूरा करने का बीड़ा उठाया।

राजीव यादव ने अपने यहाँ करीब दो वर्षों तक फुटबॉल कोच रहे हेमचंद जोशी से सम्पर्क किया जो वर्तमान में स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ के पूर्व छात्र वेलफेयर सोसायटी की फुटबॉल एकेडमी के मुख्य कोच है।

हेमचंद जोशी ने सोसायटी के वरिष्ठ लोगों से बात कर अंकित को अपने पास लखनऊ बुला लिया और घर में ही अपने बेटे की तरह रखकर फुटबॉल के बारीकी गुण सिखाये। सोसायटी के सचिव विनय सिंह ने अंकित का विशेष ख्याल रखा।

 खुशी के बात है कि हेम जोशी की मेहनत रंग लाई और हाल ही में अंकित का चयन स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ में हो गया।

अब अंकित स्पोर्ट्स कॉलेज में रह कर कोच हरवीर सिंह की देखरेख में फुटबॉल का बेहतरीन खिलाड़ी बनेगा।

सोसायटी के मुख्य सचिव लवलेश माथुर ने बताया कि अंकित की सारी जिम्मेदारी सोसायटी की है जब तक वो फुटबॉल का खिलाड़ी बन अपने पैरों पर खड़ा नही हो जाता।

लवलेश माथुर का कहना है कि हमारी सोसायटी वैसे तो अपने ही पूर्व छात्रों और परिवार से सम्बंध रखती है। जरूरतमंद पूर्व खिलाड़ियों को यथासंभव सहयोग करती है। लेकिन यह हमारा सौभाग्य है कि हम पुलवामा शहीद के परिवार के किसी काम आ सके।

उनका कहना है सीमित साधनों के बावजूद हम यह जज्बा रखते है कि किसी भी अन्य शहीद का कोई बच्चा यदि खेलों में आना चाहे तो हम यथासंभव सहयोग करेंगे।

सोसायटी के अध्यक्ष पुष्पेंद्र वर्मा कॉलेज के पूर्व छात्र और कोच हेम जोशी का पूरी सोसायटी की तरफ से शुक्रिया करते है कि उन्होंने अंकित को करीब तीन सप्ताह अपने घर रखा और उसे इस काबिल बनाया कि उसका चयन स्पोर्ट्स कॉलेज में हो गया।

हेम जोशी का कहना है कि अंकित प्रतिभाशाली बच्चा है पिता के न होने के अहसास के बावजूद वो पिता के सपने को पूरा करने की जिद में है और यही जिद उसे अन्य खिलाड़ियों से जुदा खिलाड़ी बनायेगी ।